Saturday, September 19, 2020

इश्क है तो कुबूल कर लो सरेआम दुनिया के सामने

---हास्य शायरी --- 

इश्क है तो कुबूल कर लो सरेआम दुनिया के सामने;

वो जो खंडहरों के पीछे होता है उसे चुदाई कहते है।

😀

---हास्य शायरी ---

क्या कशिश थी उस की आँखों में मत पूछो;

मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चूत चाहिए।

😀

---हास्य शायरी ---

यूं मुसकुरा के मेरे सामने से ना निकला करो जालिम,

ये दिल तो समझ जाता है...

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पर लंड को समझाने में हाथों की मां चुद जाती है। 

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